साल 2030 में मुसलमानों को रखने होंगे रमज़ान के 36 रोज़े, वजह बेहद चौंकाने वाली
‘रमजान’ मुसलमानों का सबसे मुकद्दस महीना है. यह साल में एक बार आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कई बार ऐसे भी मौके आए हैं जब मुसलमानों ने साल में दो बार रोजे रखे हैं, जानकर हैरानी होगी कुछ ही साल पहले रमजान का पाक महीना साल में दो बार आया था, और अगले कुछ वर्षो में ऐसा फिर से होने जा रहा है. सऊदी अरब के एक एस्ट्रोनोमर एक्सपर्ट ने अपने ट्वीटर के ज़रिए लोगों को यह जानकारी दी है.
साल में दो बार रमजान का महीना?
साल में दो बार रमजान का महीना आए ये है तो चौंकाने वाली बात लेकिन सोलह आने सच है. दरअसल, इसके पीछे की वजह है इस्लामिक हिजरी कैंलेंडर जो कि चंद्रकाल पर आधारित है. ग्रेगोरियन कैलेंडर (अंग्रेजी कैलेंडर) में एक साल में 365 दिन होते हैं. जबकि हिजरी में 354 या 355 दिन होते हैं. जिससे 11 दिन कम हो जाते हैं.
1997 में हुआ था ऐसा
आखिरी बार ऐसा 1997 में हुआ था और उससे पहले 1965 में हुआ था. आगे आने वाले ग्रेगोरियन की बात करें तो साल 2030 में आएगा और उसके बाद 2063 में एक ही साल में दो बार रमजान का पवित्र महीना आएगा.
5 जनवरी से शुरू होंगे रोजे
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक साल 1451 में रमजान का आगाज़ 5 जनवरी 2030 के आसपास शुरू होगा और वर्ष 1452 हिजरी को 26 दिसंबर 2030 के आसपास आएगा. नतीजतन, मुसलमान 2030 में कुल 36 दिनों के लिए रोजा रखेंगे. 1451 हिजरी में 30 दिनों का एक पूरा महीना और 1452 में पांच या छह दिन रहेंगे.
हिजरी चंद्र वर्ष (इस्लामी साल) 354 या 355 दिनों का होता है, जिसका मतलब है कि यह 365 दिन के ग्रेगोरियन वर्ष (अंग्रेजी साल) के बराबर नहीं है. बल्कि दोनों कैलेंडर के दिनों के हेरफेर होता रहता है. इससे यह भी साफ होता है कि रमजान हर बार अलग मौसमों में आता हैं हालांकि ज्यादा दिनों का अंतर नहीं होता. 1449 हिजरी (इस्लामी साल) यानी 2028 में आने वाला रमजान का महीना सर्दियों के बीच में होगा.
(साभार-जी सलाम)