जिस माँ के लिए क्रिकेटर बना वही नहीं देख सकी डेब्यू मैच, रुला देगी नसीम शाह की कहानी
Naseem Shah Personal Story: साल 2022, अगस्त का महीना और दुबई का दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम. मौक़ा था एशिया कप टूर्नामेंट और आमने–सामने थीं दो चिर प्रतिद्वंदी टीम भारत और पाकिस्तान.
भारत–पाकिस्तान के हर मैच की तरह ये मैच भी किसी हाईवोल्टेज ड्रामे से कम नहीं था. पाकिस्तान की टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 147 रन बनाए थे. मज़बूत बैटिंग ऑर्डर वाली टीम इंडिया को जीत के लिए 148 रन की दरकार थी. चूँकि पाकिस्तान अपने स्टार गेंदबाज़ शाहीन अफ़रीदी के बग़ैर मैदान पर उतरी थी, तो लक्ष्य थोड़ा आसान नज़र आ रहा था. लेकिन, यहीं से पाकिस्तान में एक नये स्टार का उदय होता है. जिसने अगले कुछ समय के लिए मैच में जान फूंक दी. ये मैच भारत ने 5 विकेट से जीता. मगर दिल 19 साल के जिस लड़के ने जीता उसका नाम था नसीम शाह.
नसीम शाह ने यूँ तो तीन साल पहले ही महज़ 16 साल की उम्र में डेब्यू कर विश्व क्रिकेट में सनसनी मचा दी थी. लेकिन भारत के ख़िलाफ़ उन्होंने मैच में जो जोश, जुनुन और जज़्बा दिखाया उसने सबका दिल जीत लिया. नसीम शाह इस मैच को बचाने के लिए आख़िर तक लड़े, वह चोटिल हुए, दर्द से तड़पते दिखे लेकिन हार नहीं माने. टीम को जीताने के लिए उन्होंने जो जद्दोजहद दिखाई उसे भारतीयों ने भी सलाम किया.
इस मैच में नसीम शाह का जो दर्द दिखा वो उस दर्द के सामने कुछ भी नहीं था जो उन्होंने तीन साल पहले झेला. जी हाँ, साल 2019 में डेब्यू मैच से एक दिन पहले नसीम शाह की ज़िंदगी में एक ऐसी ट्रेजडी घटी जिसे सुनकर कलेजा मुँह में आ जाएगा. किसी भी खिलाड़ी के लिए डेब्यू मैच खेलना सबसे बड़ी ख़ुशी का मौक़ा होता है, लेकिन नसीम की ये ख़ुशियाँ तब मातम में बदल गई जब मैच से एक दिन पहले उनकी माँ इस दुनिया से रूखसत हो गई. वो माँ जिसने नसीम शाह को क्रिकेटर बनने के लिए प्रोत्साहित किया, वो माँ जिसके लिए नसीम क्रिकेटर बने. वही उनका पहला मैच नहीं देख सकी.
एक टीवी इंटरव्यू में नसीम शाह ने अपने करियर के पुराने दिनों का याद करते हुए कहा था कि कहा –
‘मैं अपनी मां के बेहद करीब था. जब मैं 12 साल का था, तो क्रिकेट के लिए घर छोड़कर लाहौर शिफ्ट हो गया था. जब मेरा डेब्यू होने वाला था, तब एक दिन पहले मुझे मां का फोन आया था. मैंने मां से कहा था कि कल मेरा डेब्यू मैच है. मैंने मां से कहा कि आप कल टीवी देखना, क्योंकि मैं खेल रहा हूं. मैं टीवी पर लाइव दिखाई दूंगा. मेरी मां ने कहा था कि वह टीवी पर मैच देखने के लिए लाहौर आएंगी, लेकिन जब मैं अगली सुबह उठा, तो टीम मैनेजमेंट ने मुझे बताया कि आपकी मां का निधन हो गया है.’
कोई और होता था तो शायद मैदान पर ना उतरता. लेकिन ये नसीम शाह थे जिन्होंने दिलेरी दिखाते हुए मैच खेलने का फ़ैसला किया. वह न सिर्फ़ मैदान पर उतरे बल्कि डेविड वार्नर का विकेट भी हासिल किया. नसीम शाह की इस ट्रेजडी को जिसने सुना उसने ही उनके हौंसले और हिम्मत की दाद दी. ऐसा ही कुछ नसीम ने जब तीन साल बाद भारत के ख़िलाफ़ अपने डेब्यू टी20 मैच में किया तो दुनिया उनकी क़ायल हो गई.
नसीम शाह की गिनती आज दुनिया के उभरते हुए गेंदबाज़ों में हो रही है. उनके नाम सबसे कम उम्र में डेब्यू करने, सबसे कम उम्र में हैट्रिक लेने और सबसे कम उम्र में 5 लेने का रिकॉर्ड दर्ज है. लेकिन उन्हें इस बात का मलाल तो हमेशा ही रहेगा कि माँ खेलते हुए नहीं देख सकी.