Home TECH क्या है डीपफेक ? कैसे कर सकते हैं इसकी पहचान, कहां करे इसकी शिकायत?

क्या है डीपफेक ? कैसे कर सकते हैं इसकी पहचान, कहां करे इसकी शिकायत?

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क्या है डीपफेक ? कैसे कर सकते हैं इसकी पहचान, कहां करे इसकी शिकायत?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी खतरनाक टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है. दुनिया भर में डीपफेक काफी तेजी से फैल रहा है. ओबामा से लेकर पुतिन और मनोज से लेकर रश्मिका तक, आज हम जो देख रहे हैं वह उस नुकसान की एक झलक मात्र है, जो एक अनियंत्रित टेक्नोलॉजी हम पर ला सकती है.

क्या है डीपफेक टेक्नोलॉजी

डीपफेक शब्द ‘Deep Learning’ और ‘Fake’ के मेल से बना है. डीप फेक टेक्नोलॉजी की मदद से किसी दूसरे की फोटो या वीडियो पर किसी सेलिब्रिटी वीडियो के फ़ेस के साथ फेस स्वैप कर दिया जाता है. ये देखने में बिलकुल असली वीडियो या इमेज की तरह दिखती है.

ये टेक्नोलॉजी ऐसी एल्गोरिदम और पैटर्न को लर्न करती है, जिसका इस्तेमाल मौजूदा इमेज या वीडियो में हेरफेर करके उसके और ज्यादा रियल बनाने में किया जाता है. इससे बनी वीडियो और इमेज पर लोग आसानी से भरोसा भी कर लेते हैं. ये टेक्नोलॉजी Generative Adversarial Networks (GANs) का इस्तेमाल करती है जिससे फेक वीडियो और इमेज बनाये जाते हैं.

कैसे शुरू हुई डीपफेक टेक्नोलॉजी

‘डीपफेक’ शब्द पहली बार 2017 के अंत में एक Reddit यूजर द्वारा बनाया गया था, जिसने अश्लील वीडियो पर मशहूर हस्तियों के चेहरे को सुपरइम्पोज करने के लिए डीप लर्निंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया था. इस घटना ने महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया; 2018 तक, ओपन-सोर्स लाइब्रेरी और ऑनलाइन शेयर किए गए ट्यूटोरियल की बदौलत टेक्नोलॉजी इस्तेमाल में आसान हो गई थी. बाद के 2020 के दशक में, डीपफेक अधिक परिष्कृत हो गए और उनका पता लगाना कठिन हो गया.

ऐसे कर सकते हैं डीपफेक की पहचान

अगर आपको लगता है कि कोई वीडियो या इमेज डीपफेक है तो उसमें हुए बदलावों पर नजर डाल सकते हैं. कई बार ऐसी वीडियो में आपको हाथ-पैर कि मूवमेंट पर ज्यादा नजर देनी चाहिए. कुछ प्लेटफॉर्म एआई जनरेटेड कंटेंट के लिए वॉटरमार्क या अस्वीकरण जोड़ते हैं कि कंटेंट एआई से जनरेट किया गया है. हमेशा ऐसे निशान या डिसक्लेमर को ध्यान से चेक करें.

इन AI टूल का कर सकते हैं इस्तेमाल

आजकल बहुत सारे एआई टूल मौजूद हैं जो एआई जनरेटेड कंटेंट को आसानी से पकड़ सकते हैं. AI or Not और Hive Moderation जैसे कई एआई टूल भी काम में आ सकते हैं, जो एआई-जनरेटेड कंटेंट का पता लगा सकते हैं. Deepware Scanner एक ऐसा टूल है जिसकी मदद से आप किसी इमेज या वीडियो को डीपफेक पता करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा भी ढेरों टूल ऑनलाइन उपलब्ध हैं.

Cyber Crime Helpline Number

आपके साथ अगर साइबर क्राइम से जुड़ी कोई भी घटना हो जाए तो बिना समय गंवाए आप या तो 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराएं. या फिर घर बैठे https://cybercrime.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें. यदि आप ऑनलाइन शिकायत करने का प्रोसेस नहीं जानते तो यहां क्लिक करें, आसान भाषा में पूरा प्रोसेस समझें.

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