जानिए क्या है डकवर्थ लुईस नियम ? कैसे होता है मैच का फैसला ? चुटकी में लगा लेंगे आप मैच का हिसाब
डकवर्थ लुईस नियम की वजह से इंग्लैंड टीम को आयरलैंड के विरुद्ध शिकस्त झेलनी पड़ी. मैच में आयरलैंड की टीम ने पहले खेलते हुए 157 रन बनाये. जवाब में इंग्लैंड की टीम ने 105 रन बनाये थे. बारिश की वजह से डकवर्थ लुईस नियम की वजह से 4 रन से विजयी घोषित किया गया. DLS method पहले से ही काफी चर्चाओं में रहा है. आइये जानते हैं DLS method क्या है और यह कैसे काम करता है.
जाने डकवर्थ लुईस नियम की गणना कैसे की जाती है?
इस नियम को निर्धारित करने या किसी मैच में लागु करने के लिए किसी भी एक टीम का खेलना बहुत जरुरी होता है यानि पहली पारी का हो जाना जरुरी होता है तभी डकवर्थ लुईस को लाया जाता है. इस नियम की गणना एक टेबल यानि एक चार्ट के द्वारा की जाती है जो समय समय पर बदला भी जाता रहता है.
बारिश की वजह से मैच रद्द होने पर होता है लागू
मैच की एक पारी होने के बाद यदि मैच में कोई बाधा यानि बारिश आ जाता है तो दूसरी पारी यानि दूसरी टीम की पारी या उनकी बैटिंग के वक्त कुछ सीमित ओवर में सीमित स्कोर दिया जाता है जो डकवर्थ लुईस नियम से कैलकुलेट होता है. इस नियम को इस तरह की परिस्थिति में बिकुल सही माना जाता है. इसका प्रयोग बहुत आसान है बस एक टेबल और कुछ केल्कुलेशन करना होता है.
डकवर्थ लुइस नियम के हिसाब से दोनों टीमो के पास दो चीजे होती है या यु कहे की 2 साधन होते है. पहला कुल बचे ओवर और दूसरा कुल बचे हुए हुए विकेट. मैच में रन इन दोनों साधनों के बलबूते पर रन बनाये जाते है. इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए डकवर्थ लुइस नियम की टेबल बनायीं गयी है. जिससे पता किया जाता है की खेल रही टीम के पास कितने प्रतिशत साधन बाकी है.
यदि हम इस लिस्ट या इस टेबल पर नजर डाले तो पता चलता है कि यदि दूसरी पारी शुरू होते टाइम यदि आपके पास पूरे 50 ओवर है और 10 विकेट बाकी है इसका मतलब है आपके पास 100% साधन है. उसके बाद जैसे-जैसे खेलने वाली टीम अपने ओवर का इस्तेमाल करती जाती है उनके साधनों का प्रतिशत घटता जाता है जैसा की टेबल में दिखा रखा है.
Example of Duckworth Lewis Method
मान लीजिये यदि एक टीम है जो 50 ओवर में 20 ओवर खेल चुकी है और उसके 30 ओवर खेलना बाकी है पर 2 विकेट गिर चुके है और मैच में बारिश आ जाती है. तब टेबल के अनुसार उस टीम के पास 67.3 प्रतिशत साधन बचे हुए है.
बारिश के बाद जब दौबारा मैच शुरू होता है पर कुल 10 ओवर का समय बर्बाद हो चूका है. मतलब अब उस टीम के पास 20 ओवर बाकी है और 2 विकेट गवाए है. मतलब अब उस टेबल के हिसाब से खेलने वाली टीम के पास सिर्फ 52.4% साधन बचे है.
अब ये देखा जाएगा की इस टीम ने टोटल कितने साधन खोए है ये पता करने के लिए पहले ये देखा जाएगा की बारिश शुरू होने से पहले उस टीम के पास कितने साधन थे और बाद में कितने बचे. मतलब जब मैच बंद हुआ तब 67.3% साधन थे और मैच दौबारा शुरू हुआ जब 52.4% साधन बचे यानि टोटल नुकसान 67.3 – 52.4 = 14.9% का नुकसान हुआ.
अब जो टीम पहले बल्लेबाजी कर चुकी होती है जो की उसने 100% साधन का उपयोग किया होता है यानि पुरे 50 ओवर खेल चुकी होती है. तो उसके 100% साधनों मेसे दूसरी टीम के साधनों के नुकसान के प्रतिशत को घटाया जाता है. ताकि दोनों टीम के साधन बराबर हो और न्याय हो सके. यानि 100 – 14.9 = 85.1% बचा.
तो अब दूसरी टीम को टारगेट देते टाइम इसका ख्याल रखा जाता है की 85.1% साधन के हिसाब से ही स्कोर दिया जाये. यदि बारिश पहले बल्लेबाजी कर चुकी टीम को भी परेशान कर चुकी है तो बाद में खेल रही टीम को उसी हिसाब से बढाकर टारगेट दिया जाता है.
जैसे मान लीजिये पहले खेलने वाली टीम ने 50 ओवर में 250 रन बनाए और दूसरी टीम ने 5 विकेट खोकर 40 ओवर में 199 रन बना चुकी है और बारिश आ जाती है मैच में और खेल रोक दिया जाता है. अब विनर का पता लगाने के लिए डकवर्थ लुईस का नियम लाया जाता है.
मैच में पहले खेलने वाली टीम ने 50 ओवर खेले यानि उस टीम ने 100% साधन का इस्तेमाल किया है. दूसरी टीम जब मैदान पर उतारी थी तो उसके पास भी 100% साधन थे. उन्होंने 40 ओवर में 5 विकेट खोकर कुछ रन बनाये. अब बारिश की वजह से मैच रुक गया.
तब डकवर्थ लुईस नियम की टेबल के हिसाब से उस टीम के पास 27.5 साधन बाकी बचे थे. मतलब दूसरी यानि दूसरी पारी खेलने वाली टीम के 27.5% साधन का नुकसान हो गया. मतलब 100 – 27.5 = 72.5% साधन ही उसने इस्तेमाल किये. उसे पहले खेलने वाली टीम के मुकाबले कम साधन मिले तो दूसरी टीम का स्कोर साधनों के हिसाब से घटाना होगा. यानि 72.5/100
पहली टीम ने बनाये थे 250 यानि दूसरी टीम का टारगेट 250 x 72.5/100 = 181.25 होगा. तो दूसरी टीम को अब टोटल 182 रन चाहिए, पर वो पहले ही 199 रन बना चुकी है यानि दूसरी टीम 18 रन से ये मैच जीत चुकी है.