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धोनी घुटनों के दर्द से हैं परेशान, रांची में 40 रूपये वाले वैध से करा रहे हैं इलाज, देखें तस्वीरें

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क्रिकेट स्टार महेंद्र सिंह धोनी इन दिनों घुटनों के दर्द से परेशान हैं और इसका इलाज वह रांची के एक सुदूर गांव में पेड़ के नीचे बैठकर मरीजों को देखनेवाले वैद्य से करवा रहे हैं. आईपीएल के बाद सुर्खियों से दूर रहने वाले धोनी अब अपनी एक परेशानी की वजह से वापस खबरों में आ गए हैं.धोनी रांची से करीब 70 किलोमीटर दूर लापुंग के कातिंगकेला के बाबा गलगली धाम में बैठने वाले वैध वंदन सिंह खेरवार से अपना इलाज करा रहे हैं. वंदन ने बताया कि धोनी पिछले 1 महीने से हर 4 दिनों पर उनके पास आते हैं और जड़ी - बूटी वाली दवा से इलाज करा रहे हैं.

धोनी का चल रहा इलाज
जंगली जड़ी-बूटियों की मदद से पारंपरिक तौर पर इलाज करने वाले वैद्य बंधन सिंह खरवार का कहना है कि वह प्रत्येक मरीज की तरह धोनी से भी दवा की एक खुराक के लिए 40 रुपये चार्ज करते हैं. वैद्य बंधन सिंह खरवार रांची से लगभग 70 किलोमीटर दूर लापुंग थाना क्षेत्र के कातिंगकेला में पिछले 28 सालों से पेड़ के नीचे तिरपाल का टेंट लगाकर कई तरह की बीमारियों का इलाज करते हैं.धोनी अपने घुटने के दर्द के इलाज के लिए हर 4 दिन में एक बार वैद्य के पास जाते हैं. और,  इसके लिए उन्हें फीस के तौर पर सिर्फ 40 रुपये देने पड़ते हैं. ये पढ़कर आपको हैरानी जरूर होगी लेकिन यही सच भी है.

वैद्य से लेते हैं दवा
उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने से हर चार दिन के अंतराल पर धोनी आकर दवा की खुराक लेने पहुंचते हैं. दरअसल वैद्य जी हड्डियों की बीमारी के इलाज के लिए जो दवा तैयार करते हैं, उसे मरीजों के लिए घर ले जाने की सुविधा नहीं है. धोनी के पहले उनके माता-पिता ने इस वैद्य से इलाज कराया था. उन्हें राहत मिली तो धोनी भी वहां पहुंचे. वैद्य बंधन सिंह खेरवार ने कहा कि वह शुरू में न तो धोनी के माता-पिता को पहचानते थे और न ही पहली बार में धोनी को पहचान पाए.

धोनी की बीमारी का मसला दरअसल उनके घुटने में उठे दर्द से जुड़ा है, जिसका इलाज वो किसी बड़े डॉक्टर या अस्पताल में ना कराकर एक वैद्य से करा रहे हैं. ये भी धोनी की सादगी का एक प्रमाण ही है.सामान्य मरीज की तरह आते हैं माही
उन्होंने भी अपने बारे में कुछ नहीं बताया. जब आस-पास के युवाओं ने उनके साथ फोटो के लिए भीड़ लगायी तब उन्हें इसकी जानकारी हुई. वैद्य के अनुसार, धोनी बिना किसी तामझाम के सामान्य मरीज की तरह आते हैं. उनमें बड़ा आदमी होने का कोई गुरुर नहीं है. हालांकि अब हर चार दिन पर धोनी के यहां पहुंचने की खबर से उनके फैंस की काफी भीड़ जुटने लगी है. इसलिए अब वह गांव पहुंचकर गाड़ी में ही बैठते हैं, जहां उन्हें दवा की खुराक दी जाती है. पिछले एक महीने के दौरान गांव के कई लोगों ने उनके साथ तस्वीरें खिंचवाई हैं.

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