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किसान का बेटा जो क़ब्रिस्तान में करता था गेंदबाज़ी प्रैक्टिस, दादा से मिलने के बाद बदल गई किस्मत

आईपीएल 2023 में भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) ने काफ़ी प्रभावित किया. उन्होंने गुजरात टाइटंस की तरफ़ से खेलते हुए इस पूरे सीज़न में 28 विकेट हासिल किए. वह टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ रहे जिसके लिए उन्हें पर्पल कैंप दिया गया.

Mohammed Shami ने 2013 में किया डेब्यू

मोहम्मद शमी टीम इंडिया के प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ गिने जाते हैं. 6 जनवरी 2013 को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेब्यू करने वाले शमी ने पिछले 10 सालों में भारतीय क्रिकेट में अपना एक ख़ास मुक़ाम बना लिया है. वर्ल्डकप से लेकर आईपीएल तक उन्होंने हर बड़े इवेंट में अपनी गेंदबाज़ी का जलवा दिखाया है. 140 किलो मीटर की रफ़्तार, सीम और स्विंग मोहम्मद शमी की गेंदबाज़ी की ताक़त रही है.  मोहम्मद शमी का करियर आज जितना बुलंदियों पर नज़र आता है. उनकी ज़िंदगी में  उतार चढ़ाव भी उतने ही रहे हैं.

2021 टी20 विश्वकप में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मैच में ख़राब गेंदबाज़ी के चलते उन्हें धर्म के नाम पर ट्रोल किया गया. मगर इससे भी बुरा दौर शमी की ज़िंदगी में तब आया जब उनकी पत्नी हसीन जहां ने उन पर कुछ संगीन आरोप लगाए. ये साल था 2018, तब लगा कहीं शमी का क्रिकेट करियर ही चौपट ना हो जाए. पत्नी से विवाद के चलते बीसीसीआई ने कुछ समय के लिए उनका नाम सालाना कॉंट्रेक्ट से ही हटा दिया. लेकिन मोहम्मद  शमी ने हर बुरे और मुश्किल दौर का एक योद्धा की तरह न केवल मुक़ाबला किया बल्कि अपने शानदार प्रदर्शन से आलोचकों को करारा जवाब भी दिया.

शमी की पैदाईश

मोहम्मद शमी की पैदाइश 3 सितम्बर 1990 को उत्तर प्रदेश के अमरोहा ज़िले के गांव सहसपुर अली नगर में हुई. इनके पिता तौसिफ अली पेशे से किसान थे, मगर दिल में क्रिकेट बसाए हुए थे. जवानी के दिनों में शमी के पिता तेज़ गेंदबाज़ी किया करते थे.

कोच बदरूदद्दीन ने पहचाना हुनर

तेज़ गेंदबाज़ी का यही हुनर जब उन्होंने अपने चार बेटों में से तीसरे शमी में देखा, तो उन्हें गाँव से 22 किमी दूर मुरादाबाद में कोच बदरूदीन के पास क्रिकेट की बारिकियाँ सीखने के लिए भेज दिया. 15 साल के शमी ने अपनी लगन, शानदार गेंदबाज़ी, कौशल और मेहनत से कोच बद्दरूद्दीन को काफ़ी प्रभावित किया. शमी की गेंद फेंकने की कुशलता को देखते हुए कोच बदरूद्दीन ने उन्हें कोलकाता भेजा जहां कोलकाता के टाउन क्लब के लिए उन्हें चुन लिया गया. चूँकि शमी की गेंदबाज़ी अच्छी थी तो उन्हें जल्द ही बंगाल अंडर-22 टीम में जगह मिल गई. यहीं से उन्हें मोहन बागान क्लब में खेलने का मौक़ा मिला जहां एक दिन प्रैक्टिस सेशन में उन्हें पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को गेंदबाज़ी करने का मौक़ा मिला. शमी ने अपनी गेंदबाज़ी से दादा को खूब छकाया. जिसके बाद दादा ने बंगाल क्रिकेट टीम के मैनेजमेंट को मोहम्मद शमी पर नजर रखने को कहा. बस फिर क्या था साल 2010 में मोहम्मद शमी ने बंगाल क्रिकेट टीम में जगह बनाई और फिर उसके बाद 2013 में शमी भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बन गए.

मोहम्मद शमी अपने इंटरनेशनल करियर में अबतक 400 से ज़्यादा विकेट हासिल कर चुके हैं. उनके नाम कई शानदार रिकॉर्ड भी दर्ज है. वह विश्वकप में हैट्रिक लेने वाले पहले और इकलौते भारतीय गेंदबाज़ हैं. यहीं वनडे में सबसे तेज़ 100 विकेट से लेकर डेब्यू मैच में सबसे ज़्यादा ओवर मेडन डालने तक भारतीय गेंदबाज़ के रूप में कई रिकॉर्ड उनके नाम हैं.

मोहम्मद शमी इस वक्त भारतीय क्रिकेट टीम ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे घातक गेंदबाज हैं. पुरानी गेंद से विकेट लेने के मामले में शमी का कोई सानी नहीं. हाल ही के दिनों में टीम इंडिया की टेस्ट मैचों में कामयाबी की सबसे बड़ी वजह शमी की गेंदबाजी ही मानी जाती है.

Fahad Hayat

Fahad Hayat is a Editor at The Focus live. He likes to write on Sports and Politics. 6 Year Experience in Print & Digital Media.

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