4 भारतीय जिनकी क्रिकेट छोड़ने के बाद चमकी किस्मत, कोई मुख्यमंत्री कोई एक्टर-सिंगर तो कोई बना वकील
क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसके चाहने वाले हर देश में मौजूद हैं. क्रिकेट ने जहाँ एक तरफ कई खिलाड़ियों को बुलंदियों पर पहुंचाया तो वहीं दूसरी तरफ कई खिलाड़ी इस क्षेत्र में फ्लॉप रहे. क्रिकेट जगत के कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें क्रिकेट छोड़ने के बाद अपार सफलता अर्जित हुई. आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही क्रिकेटर्स के बारे में बताने जा रहे हैं.
१- एकलव्य द्विवेदी
एकलव्य ने 43 प्रथम श्रेणी मैच खेलने के साथ-साथ 2016 में इंडियन प्रीमियर लीग में भी भाग लिया था. क्रिकेट में असफल होने के बाद क्रिकेटर ने अपना पेशा बदलने का फैसला किया और परिवार की विरासत को जारी रखते हुए वकील बनने पर ध्यान केंद्रित किया. फिलहाल एकलव्य बतौर वकील अपना पेशा शुरू कर चुके हैं.
२- तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव दिल्ली की अंडर-17 टीम की ओर से खेलते हुए वह मुंबई के खिलाफ शतक ठोककर अपनी टीम को विजेता भी बना चुके हैं. इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के सीजन 2008, 2009, 2011 और 2012 में दिल्ली कैपिटल्स (तत्कालीन दिल्ली डेयरडेविल्स) का हिस्सा रहे. हालाँकि उन्हें मैच खेलने का अवसर नहीं मिला. तेजस्वी बिहार राज्य के डिप्टी सीएम हैं.
३- हार्डी संधू
संधू ने साल 2005 में अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की. संधू दाएं हाथ के बल्लेबाज और फास्ट-मीडियम गेंदबाज रहे. संधू भारतीय अंडर-19 और अंडर-17 क्रिकेट टीमों के लिए खेल चुके हैं. संधू ने पंजाब के लिए 3 रणजी मैच में 12 विकेट अर्जित किये.
साल 2006 में खेल के मैदान पर मिली चोट की वजह से संधू ने क्रिकेट से दूरी बना ली. पंजाबी गायक और अभिनेता हार्डी संधू आज एक बड़े पंजाबी सिंगर बन चुके हैं. फैन्स उनकी आवाज के दीवाने हैं.
४- आकाश चोपड़ा
आकाश चोपड़ा बतौर क्रिकेटर अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे. 10 टेस्ट मैचों के अपने करियर में आकाश चोपड़ा ने महज 437 रन बनाए. कमेंट्री की दुनिया में छाये आकाश चोपड़ा करोड़ों की कमाई रहे हैं. आकाश चोपड़ा बतौर कमेंटेटर अपना करियर बनाने में सफल रहे. स्टार स्पोर्टस चैनल के साथ आकाश चोपड़ा का कॉन्ट्रैक्ट है.