फाइनल में सरफराज खान ने उड़ाया गर्दा, 125 गेंद पर खेली मैराथन पारी, खत्म हुआ 23 साल का सुखा
रणजी ट्रॉफी में मध्यप्रदेश की टीम 23 साल बाद रणजी ट्रॉफी फाइनल खेलने उतरी. इससे पहले 1999 में कर्नाटक के खिलाफ खेले गए फाइनल मुकाबले में एमपी को हार का सामना करना पड़ा था. मुकाबले में मुंबई की टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी.
मुंबई की तरफ से फाइनल मुकाबले में यशस्वी जायसवाल ने अर्धशतकीय पारी खेली. यशस्वी जायसवाल ने 163 गेंदों में 78 बनाए. अपनी पारी में सात चौके और एक छक्का भी लगाया. जायसवाल अच्छी लय में दिख रहे थे और शतक की तरफ बढ़ रहे थे. हालांकि अनुभव अग्रवाल की गेंद पर आउट हो गए.
शतक की हैट्रिक लगा चुके जायसवाल लगातार चौथा शतक लगाने से चूक गए. इससे पहले जायसवाल ने क्वार्टर फाइनल में उत्तराखंड के खिलाफ दूसरी पारी में 103 रन बनाए थे. सेमीफाइनल में मुंबई का सामना उत्तर प्रदेश से था और यहां उन्होंने पहली पारी में 100 और दूसरी पारी में 181 रन बनाए थे.
टीम ने इसके बाद एक के बाद एक कई विकेट खो दिए. ऐसे में सरफराज ने टीम की तरफ से मोर्चा संभाला. सरफराज खान ने डटकर एमपी के गेंदबाजों का मुकाबला किया.
सरफराज खान ने 125 गेंदों पर 40 रन की मैराथन पारी खेलकर टीम को 200 के पार पहुंचाया. सरफराज और जायसवाल की पारियों की मदद से मुंबई की टीम ने पहले दिन 5 विकेट खोकर 248 रन बना लिए थे.