नंबर 1 बनने के बाद पिता को याद कर फूट-फूटकर रोये सिराज, देश की खातिर नहीं कर पाए आखिरी दीदार, माँ ने दी कुर्बानी
25 जनवरी का दिन भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी लेकर आया. 28 साल के भारतीय खिलाड़ी मोहम्मद सिराज दुनिया का नंबर वन गेंदबाज बन गया है. चार साल के करियर में पहली बार हैदराबाद के सिराज को ये खुशी मिली है.
हालांकि सिराज खुशी के मौके पर वो जमकर रोएं. उस इंसान को याद करके जिसकी वजह से सिराज आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं. सिराज उस व्यक्ति को याद कर भावुक हुए जिसने सिरजा पर अपना सबकुछ लुटा दिया. दिन-रात मेहनत की और सिराज का क्रिकेटर बनने का सपना पूरा किया.
सिराज की जिंदगी में उनके पिता की बहुत अहमियत है. टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज सिराज हमेशा ही अपनी कामयाबी का श्रेय पिता को देते हैं. आज जब सिराज दुनिया के नंबर वन गेंदबाज बन गए हैं तो ये खुशी मनाने के लिए उनके पिता उनके साथ नहीं है. ऐसे में इतने बड़े मौके पर सिराज की आंखें पिता को याद करके जरूर नम हो जाएंगी.
सिराज का जन्म हैदराबाद के एक गरीब परिवार में पैदा हुए. उनके पिता ऑटो चलाते थे. अपनी कमाई से वो बड़ी मुश्किल से ही घर का खर्च चला पाते थे ऐसे में बेटे का क्रिकेट का सपना पूरा करना उनके लिए आसान नहीं था. इसके बावजूद भी वो बेटे की इच्छा पूरी करने के लिए अपना पेट काटते थे. एक इंटरव्यू के दौरान सिराज ने बताया, “जब मैं स्टेडियम में ट्रेनिंद के लिए जाता था, तो मेरे परिवार के लिए वो समय आसान नहीं था. आर्थिक तौर पर वो काफी संघर्ष कर रहे थे. मेरे पास केवल एक प्लेटिना बाईक थी. मेरे अब्बू मुझे पेट्रोल के लिए 60 रुपये देते थे. मैं उस पैसे से पूरे दिन का खर्चा चलाता था.’
सिराज ने बताया था कि आईपीएल में जब उन्हें पहली बार मौका दिया गया तो उनकी जिंदगी बदल गई. उन्होंने बताया, “जब मुझे आईपीएल के लिए चुना गया तो परिवार की आर्थिक तंगी खत्म हो गई. अब्बू ने ऑटो चलाना छोड़ दिया. मां ने भी काम करना बंद कर दिया. हम किराए के घर को छोड़कर नए घर में रहने लगे. मेरे लिए यही सबकुछ था. मुझे बस अपने माता-पिता को खुश देखना था. आईपीएल ने बहुत कुछ दिया और बहुत सिखाया.’
जब सिराज के पिता का नि’धन हुआ तो वो उन्हें आखिरी बार देख भी नहीं पाए. सिराज उस समय ऑस्ट्रेलिया में थे. कोरोना प्रोटोकोल के चलते वो टीम को छोड़कर जाते तो वापस नहीं जुड़ पाते. सिराज की मां ने बेटे को घर आने से मना कर दिया. इसी दौरे पर सिराज को टेस्ट डेब्यू का भी मौका मिला. उन्होंने टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. वो अपने हर अच्छे प्रदर्शन, हर त्यौहार हर कामयाबी पर पिता को याद करते हैं