कश्मीर के इस पैराक्रिकेटर को सलाम, कंधे में बैट दबाकर करता है बल्लेबाजी और पैरों से गेंदबाजी
कहते हैं कि जो चीज मन में ठान लो, वो पूरी होकर रहती है. वह काम चाहे कितनी भी चुनौतीपूर्ण वाली क्यों न हो, बस उसे पूरा करने के लिए लगन की जरूरत होती है. इसी तरह की एक खबर जम्मू-कश्मीर के बिजबेहरा से सामने आ रही है. बिजबेहरा के वाघामा गांव के 34 वर्षीय दिव्यांग क्रिकेटर आमिर हुसैन लोन की कहानी भी दिल को छू देने वाली है.
आमिर हुसैन लोन जम्मू कश्मीर के पैरा क्रिकेट टीम के कप्तान हैं. उन्होंने 2013 में दिल्ली में नेशनल खेला और 2018 में बांग्लादेश के खिलाफ भी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला. नेपाल, शारजाह और दुबई में क्रिकेट खेल चुके हैं. एक हादसे में उन्होंने दोनों हाथ खो दिए थे.
ANI की रिपोर्ट के अनुसार आमिर हुसैन वर्तमान में जम्मू-कश्मीर की पैरा क्रिकेट टीम के कप्तान हैं. आमिर 2013 से पेशेवर रूप से क्रिकेट खेल रहे हैं जब एक शिक्षक ने उनकी क्रिकेट प्रतिभा की खोज की और उन्हें पैरा क्रिकेट से परिचित कराया. वह अपने पैरों का उपयोग करके गेंदबाजी करते हैं और बल्ले को अपने कंधे और गर्दन के बीच पकड़कर खेलते हैं.
आमिर बताते हैं कि उन्होंने गेंद को हिट करने के लिए अपनी ठुड्डी और कंधे के बीच बल्ला पकड़ने का अभ्यास किया. अपने दाहिने पैर की दो उंगलियों का उपयोग करके अंदर और बाहर की ओर स्विंग करना सीखा.
#WATCH | Anantnag, J&K: 34-year-old differently-abled cricketer from Waghama village of Bijbehara. Amir Hussain Lone currently captains Jammu & Kashmir's Para cricket team. Amir has been playing cricket professionally since 2013 after a teacher discovered his cricketing talent… pic.twitter.com/hFfbOe1S5k
— ANI (@ANI) January 12, 2024
जब आमिर आठ साल के थे तब ही उन्होंने अपने दोनों हाथ गवां दिए थे. वह अपने पिता की मिल में हुई एक दुर्घटना में शिकार हो गए. HT की रिपोर्ट के मुताबिक, आमिर बताते हैं कि दुर्घटना के बाद लोगों ने मेरे पिता से कहा कि मैं उन पर बोझ बन जाऊंगा. मैंने सोचा, नहीं, मैं ऐसा नहीं होने दूंगा और इस तकलीफ से लड़ने का फैसला किया.” आमिर ने स्विमिंग सिखने के लिए बत्तख की नकल की नकल की. और उसकी तैराकी शैली अपनाई.