Johnny Walker: एक बस कंडक्टर बदरुद्दीन काजी जो बन गया बॉलीवुड का जॉनी वॉकर
Johnny Walker: बॉलीवुड (Bollywood) में एक से बढ़कर एक कॉमेडियन (Commedian) आए लेकिन उन सभी में जानी वॉकर का सबसे अलग क्रेज है. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के इस दिग्गज कॉमेडियन की वफात आज ही के दिन यानी 29 जुलाई 2003 को मुम्बई में हुई थी. 11 नवंबर साल 1926 में इंदौर में जन्मे जॉनी वाकर की लाइफ काफी उतार चढ़ाव भरी रही और उनके एक्टर (Actor) बनने का भी बहुत ही मजेदार किस्सा है. आइए आज इस दिग्गज कलाकार के बर्थडे के मौके पर इस फिल्मी फसाने के बारे में जानते हैं.
पिता ने जॉनी वॉकर का नाम बदरुद्दीन जमालुद्दी काजी रखा था. जानी वॉकर जिस परिवार में जन्में थे वो गिनती में काफी बड़ा हुआ करता था. इसी के चलते काफी कम उम्र में ही वो पिता का हाथ बटाने लगे और उसी वक्त वो बस में बतौर कंडक्टर काम करने लगे. वो अपनी बस में अपनी गुदगुदाने वाली बातों से यात्रियों का मनोरंजन किया करते थे. एक बार उनकी बस में फिल्म ‘बाजी’ को लिखने वाले बलराज साहनी भी उसी बस में सफर कर रहे थे. जब उन्होंने जानी वॉकर को देखा तो उन्हें गुरु दत्त से मिलने की सलाह दे दी.
इसके बाद जब जानी वॉकर दिग्गज फिल्मकार गुरु दत्त से मिले तो उन्होंने उनसे नशे की एक्टिंग करने को कहा, जिसे जानी वॉकर ने बहुत ही आसानी से कर दिया और गुरु दत्त ने उन्हें फिल्म ‘बाजी’ में काम दे दिया. इस फिल्म के बाद फिर कभी जानी वॉकर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
आपको बता दें अपनी फिल्मों में शराबी की जबरदस्त एक्टिंग करने वाले जानी वॉकर (Johnny Walker) ने अपनी लाइफ में कभी भी शराब नहीं पी, लेकिन शराबी की एक्टिंग (Acting) वो ऐसी कर देते थे जो कोई नहीं कर पाता था. इसी चीज को देखते हुए गुरु दत्त (Guru Dutt) ने उन्हें जानी वॉकर का खिताब दे दिया था, जो कि एक मशहूर विह्स्की ब्रांड का नाम है.