33 साल में 170 फिल्में, कौन है ये हीरो, जिसने नेगेटिव रोल से किया सभी के दिलों पर राज, अब दबंग खान से लेंगे पंगा
Jagapathi Babu : फिल्म में जितना महत्वपूर्ण किरदार हीरो का होता है उतना ही विलेन का किरदार भी महत्वपूर्ण होता है, आज हम हिंदी और साउथ फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले एक ऐसे ही विलेन के बारे में बात करने जा रहे हैं.
जिन्हें साउथ का ‘जग्गू दादा’ कहा जाता है, वह करीब 33 वर्षों से अभिनय की दुनिया में सक्रिय हैं, तीन दशक से अधिक के करियर में तमिल, कन्नड़ और मलयालम भाषा की करीब 170 फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा बिखेर चुके हैं. उम्दा काम के लिए उन्हें चार बार फिल्म फेयर अवॉर्ड और सात बार नंदी अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है, आपने पहचाना हम बता देते हैं, जगपति बाबू.
भाईजान के साथ नज़र आएंगे Jagapathi Babu
‘किसी का भाई किसी की जान’ (Kisi ka bhai kisi ki jaan) के ट्रेलर के कई सीन्स में जगपति बाबू सलमान खान (Salman Khan) पर भारी पड़ते दिखे हैं, इससे ही अंदाजा लगता है कि जगपति बाबू कितने उम्दा एक्टर हैं.
पिता ने दिया चांस
जगपति बाबू (Jagapathi Babu) के पिता प्रोड्यूसर-डायरेक्टर वीबी राजेंद्र प्रसाद थे, तो आप सोच रहे होंगे स्टारकिड होने की वजह से एक्टर को आसानी से सब कुछ मिल गया होगा, लेकिन ऐसा नहीं था. हां, आसानी से उन्हें डेब्यू फिल्म मिल गई थी, मगर एक्टर के लिए अपना टैलेंट दिखाना अभी बाकी था.
पिता के सपोर्ट के बावजूद उनके लिए फिल्म इंडस्ट्री में अपना बेस बनाना मुश्किल रहा, आज जगपति बाबू जिस मुकाम पर हैं उसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत और संघर्ष किया है.
पहली फिल्म हुई फ्लॉप
जगपति बाबू (Jagapathi Babu) ने अपने फिल्म करियर की शुरुआत 1974 में आई माँची मनुशुलु से की, इस फ़िल्म में जगपति ने बतौर चाइल्ड एक्टर काम किया था, लेकिन बतौर लीड हीरो वे 1989 में रिलीज हुई फ़िल्म सिम्हा स्वप्नम में दिखे, उनके पिता ने ये फिल्म प्रोड्यूस की थी, फिल्म पिटी तो लोगों को क्रिटिसाइज करने का मौका मिल गया.
जगपति बाबू (Jagapathi Babu) की आवाज को ट्रोल किया गया, ताने सुनाए गए, कहा गया कि वे इंडस्ट्री में मुश्किल से 2 साल भी सर्वाइव नहीं कर पाएंगे, इन आलोचनाओं ने जगपति बाबू को हमेशा मजबूत ही किया, उन्होंने दोगुनी मेहनत से क्रिटिक्स की बोलती बंद की.
कई ब्लॉकबस्टर मूवी देने के बाद एक दौर ऐसा भी आया जब उनकी फिल्में बैक-टू-बूक फ्लॉप गईं, हर किसी को लगा अब उनका करियर बस खत्म हो ही गया है. फिर 2014 में उनके करियर ने कंप्लीट टर्न लिया, इसे इंडस्ट्री में उनकी सेकंड इनिंग्स के तौर पर देखा गया.
लीड एक्टर में दिखने वाले इस हीरो ने विलेन और सपोर्टिंग रोल्स करने पर फोकस किया. करियर ग्राफ में चेंज लाने की उनकी पहली कोशिश फिल्म लेजेंड से हुई, जिसमें वे पहली बार विलेन बने, उनके काम को खूब वाहवाही मिली.
जगपति बाबू (Jagapathi Babu) ने थलाइवा रजनीकांत की लिंगा में भी निगेटिव रोल किया, बैक टू बैक वे कई मूवीज (गोदाचरी, रंगस्थलम, महर्षि, साय रा नरसिम्हा रेड्डी) साइन करते गए और सिने पर्दे पर अपनी धाक जमाते गए, अब वे साउथ इंडस्ट्री के मोस्ट डिमांडिंग विलेन बन चुके थे.