‘कुछ करके आना वरना वापिस मत आना’, घर छोड़ने पर पिता की धमकी से चमकी शाहबाज की किस्मत
दूसरे वनडे में साउथ अफ्रीका को हराकर टीम इंडिया ने सीरीज (India vs South Africa) 1-1 से बराबर कर ली. इसी के साथ शाहबाज अहमद (Shahbaz Ahmed) वनडे अंतरराष्ट्रीय फॉर्मेट में भारत की सीनियर राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले 247वें खिलाड़ी बन गए. शाहबाज ने अपने डेब्यू मैच में गेंद से प्रभावित किया.
शाहबाज ने जानेमन मलान को एलबीडबल्यू आउट कर अपने करियर का पहला विकेट अर्जित किया. हालांकि, भारतीय टीम (Team India) तक का उनका सफर आसान नहीं रहा है. शाहबाज ने क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया.
अपने क्रिकेट सफर के शुरुआती समय पर ऑलराउंडर को उनके पिता (Shahbaz Ahmed Father) से अपने करियर के लिए बड़ा फैसला लेने का एक अल्टीमेटम भी मिला था. टीम इंडिया के धुरंधर शहबाज ने अपने माता-पिता को निराश करते हुए बीच में ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ दी थी.
शाहबाज अहमद (Shahbaz Ahmed) ने हरियाणा भी छोड़ दिया और अपने क्रिकेटिंग करियर को आगे बढ़ाने के लिए कोलकाता चले गए. आपको बता दें शाहबाज अहमद (Shahbaz Ahmed) जब इस सब प्रक्रिया (Shahbaz Ahmed Career) में थे, तो ऑलराउंडर को अपने पिता से चेतावनी मिली.
शाहबाज अहमद (Shahbaz Ahmed) के पिता ने उन्हें कुछ बड़ा करने के लिए कहा या फिर वापस नहीं आने को कह दिया. इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में, शाहबाज के पिता अहमद जान और उनकी मां अबनाम ने इस विषय पर और उनके बेटे की क्रिकेट यात्रा के बारे में बात की.
शाहबाज की माँ ने कहा, “वह कुछ बड़ा करने के लिए दृढ़ था. यहां तक कि उसके (शाहबाज अहमद (Shahbaz Ahmed) कॉलेज के प्रोफेसरों ने भी उसे बताया कि यह एक गलती थी क्योंकि वह एक अच्छा छात्र था. शाहबाज अहमद (Shahbaz Ahmed) ने अपने डिपार्टमेंट हेड से कहा कि ‘एक दिन तुम मुझे मेरी डिग्री दोगे और मुझे बधाई भी दोगे.’ पिछले साल ऐसा हुआ था,”
शाहबाज अहमद (Shahbaz Ahmed) के पिता जान ने खुलासा किया, “मैंने उससे उस दिन कहा कुछ करके आना, वरना मत आना वापस.” पार्थ प्रतिम चौधरी ने शाहबाज को तपन मेमोरियल क्लब में शामिल होने में मदद की थी. इसके बाद प्रतिभाशाली ऑलराउंडर शाहबाज अहमद (Shahbaz Ahmed) ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
शाहबाज की मां अबनाम ने कहा, “पार्थ सर अल्लाह के भेजे हुए फरिश्ते है. आज के वक्त में कौन किसी अनजान को अपने घर में रखता है. शाहबाज अहमद (Shahbaz Ahmed) ने शाहबाज को अपने बेटे की तरह रखा. उन्हें जितनी दुआ दूं वो कम है.” शाहबाज का अंतरराष्ट्रीय डेब्यू रविवार को हुआ.