धोनी की तरह कैप्टन कूल बने हार्दिक पांड्या, कहा ‘हड़बड़ी में नहीं, 10 सेकंड रुककर फैसले लेता हूं’
टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या ने अपने छोटे से इंटरनेशनल करियर में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं. हार्दिक ने चोट, सर्जरी, विवाद और भी बाकी सब कुछ देख लिया, लेकिन उनका कहना है कि हर बात का सामना उन्होंने मुस्कुराकर किया.
इन सभी चीजों को पीछे छोड़कर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में गुजरात टाइटन्स (GT) के पहले सीजन में न सिर्फ वह बतौर हरफनमौला चमके, बल्कि एक अच्छे कप्तान के रूप में भी उभरे और टीम को फाइनल में ले आए हैं.
राजस्थान रॉयल्स को पहले क्वालिफायर में 7 विकेट से हराने के बाद वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, ‘लोग तो बातें करेंगे ही. यह उनका काम है. मैं कुछ नहीं कर सकता. हार्दिक पंड्या का नाम हमेशा बिकता है और मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है. मैं मुस्कुराकर इसका सामना करता हूं.’
महिलाओं पर टिप्पणी के चलते बीसीसीआई से मांगी थी माफी
मुंबई इंडियंस के साथ मिली सफलता के बाद 2016 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले हार्दिक पंड्या से काफी उम्मीदें थी. उनकी तुलना 1983 के वर्ल्ड कप विजेता कप्तान कपिल देव से की जाने लगी. फिर 2019 में ‘कॉफी विद करण’ शो में महिलाओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणी के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया. बाद में उन्होंने BCCI की जांच समिति से माफी मांग ली थी.
गुजरात टाइटन्स की कप्तानी मिलने पर भी उठे थे सवाल
भारत के लिए आखिरी मैच वह आठ नवंबर को दुबई में टी20 विश्व कप में नामीबिया के खिलाफ खेले थे. उसके बाद से कमर के ऑपरेशन के कारण गेंदबाजी में जूझते नजर आए. मुंबई इंडियंस (MI) से रिलीज होने के बाद आईपीएल सीजन से पहले मेगा ऑक्शन में गुजरात टीम ने उन्हें 15 करोड़ रुपये में खरीदा. उन्हें कप्तानी दिए जाने पर भी सवाल उठे थे, लेकिन अपने ‘मेंटोर’ एमएस धोनी की तरह ‘ कैप्टन कूल’ पंड्या ने आलोचकों को अपने प्रदर्शन से जवाब दिया.
हार्दिक ने कहा, ‘माही भाई ने मेरे जीवन में बड़ी भूमिका निभाई है. वह मेरे लिए भाई, दोस्त और परिवार की तरह है. मैंने उनसे काफी अच्छी बातें सीखीं. व्यक्तिगत रूप से मजबूत रहकर ही मैं इन सब चीजों का सामना कर सका.’ इस सीजन में हार्दिक पंड्या ने 45 से अधिक की औसत से 453 रन बनाए हैं और उनका स्ट्राइक रेट 132.84 का रहा है. उन्होंने 7.73 की इकोनॉमी से पांच विकेट लिए हैं.
अपने घरेलू मैदान मोटेरा में फाइनल खेलेंगे हार्दिक
उन्होंने कहा, ‘कप्तानी से पहले भी मैं हर हालात में शांतचित्त रहता था. इस तरह ही बेहतर फैसले लिए जा सकते हैं. अपने करियर और जीवन में भी हड़बड़ाने की बजाय मैं 10 सेकंड रुकना पसंद करता हूं.’ अपने घरेलू मैदान मोटेरा पर रविवार को होने वाले फाइनल के बारे में पूछने पर उन्होंने कह, ‘यह शानदार होगा. इतना बड़ा स्टेडियम, हमारा घरेलू मैदान, अपना राज्य. उम्मीद है कि स्टेडियम पूरा भरा होगा.’