माँ दुर्गा के लिए अपने ही देश में ताने झेलते हैं लिटन दास, इस्लाम अपनाने का दबाव, फिर भी नहीं टिकी आस्था
भारत में इस दिनों धूमधाम से नवरात्रों की शुरुआत हो गयी. हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के घरों में माता की पूजा हो रही है. नवरात्र मनाने वालों में सिर्फ भारत के लोग ही शामिल नहीं है बल्कि विदेशों में बसे हिंदू भी इस त्यौहार को बड़ी आस्था और श्रद्धा के साथ मानते हैं.
बांग्लादेश के क्रिकेटर लिट्टन दास भी सालों से ऐसा करते आ रहे हैं. हालांकि कई मौकों पर इसके लिए लिटन दास को कुछ लोगों के द्वारा ट्रोल किया गया.
लिट्टन दास बांग्लादेश में बसे हिंदू क्रिकेटर हैं. गौरतलब है कि बांग्लादेश देश में हिंदुओं की संख्या बहुत कम है. बांग्लादेश में इस्लाम धर्म को मानने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है. ऐसे में जब भी कभी बांग्लादेश के क्रिकेटर लिट्टन किसी हिंदू त्यौहार पर सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर करते हैं तो उन्हें काफी ट्रोल किया जाता है.
पिछले साल अक्टूबर में दुर्गा पूजा के समय लिट्टन दास ने सोशल मीडिया पर फैंस को त्यौहार की बधाई दी थी. लिटन दास ने दुर्गा माता की तस्वीर शेयर की थी. हालांकि ये बात कई फैंस को पसंद नहीं आई और उन्होंने लिट्टन दास को कोसा.
फैंस ने लिट्टन की पोस्ट पर कमेंट करते हुए कहा कि उन्हें इस तरह की चीजें पोस्ट करने में शर्मा आनी चाहिए. कई फैंस ने लिट्टन को इस्लाम कुबूल करने को कहा. लिट्टन पर इन सब कमेंट का कोई असर नहीं हुआ क्योंकि उनके मन में सच्ची आस्था और ईश्वर के प्रति श्रद्धा है.
इस ट्रोलिंग के बाद इस साल की शुरुआत में लिट्टन ने एक बार फिर फैंस को सरस्वती पूजा के मौके पर शुभकामनाएं दी. उन्होंने अपनी पत्नी के साथ तस्वीरें शेयर की जिसमें वो किसी पंडाल में नजर आ रहे हैं. लिट्टन ने अपनी इस पोस्ट से साफ कर दिया कि उनपर गलत बयानबाजी करने वालों का असर नहीं होता है.
लिटन दास की निजी जिंदगी की बात करें तो क्रिकेटर और उनकी पत्नी देवश्री बिस्वास संचिता दोनों ही भगवान के बड़े भक्त हैं. लिटन दास देवी भक्त हैं, तो वहीं देवश्री खुद को भगवान श्रीकृष्ण की दासी मानती हैं.
इन्स्टा पर खुद को किसान बताने वाली देवश्री बिस्वास संचिता ने शेर-ए-बांग्ला कृषि विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री हासिल की है. देवश्री का जन्म दिनाजपुर में हुआ था.