Adam Gilchrist : दुनिया के सबसे ईमानदार क्रिकेटर, विकेटकीपिंग का बादशाह, छक्के उड़ाने में शहंशाह, जानिए इस धुरंधर के बारे में
Adam Gilchrist : 14 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया (Australian Cricket Team) के एक ऐसे दिग्गज का जन्मदिन हुआ, जिसने विकेटकीपिंग में अपने रिकॉर्ड्स के झंडे गाड़ने के साथ ही छक्के जड़ कर गेंदबाजों का खूब दम निकाला, सबसे खास बात, ये धुरंधर लगातार तीन विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया की जीत का स्टार रहा।
आज हम बात कर रहे हैं महान ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर-बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट (Adam Gilchrist) की। जो गिलक्रिस्ट 96 टेस्ट मैचों के करियर के दैरान कभी टीम से बाहर नहीं रहे, लगातार खेले और गिली के रहते 96 में से 73 में ऑस्ट्रेलिया ने जीत हासिल की।
एडम का जन्म आज ही के दिन 14 नवंबर 1971 को बेलिंगन ऑस्ट्रेलिया में हुआ था, उनके पिता का नाम गैरी फिंच और उनकी माता का नाम सू फिंच था, उनकी पत्नी का नाम मेलिंडा गिलक्रिस्ट हैं, वह ऑस्ट्रेलिया के सबसे सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में गिने जाते हैं, उन्हें क्रिकेट जगत में ‘गिली’ के नाम से भी जाना जाता है।
गिलक्रिस्ट ने अंतर्राष्ट्रीय करियर में डेब्यू साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे मैच में किया था, वह इस मैच में मात्र 22 गेंदों में 18 रन बना सके थे, इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की टीम को 2 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था।
एक नजर डालते हैं Adam Gilchrist के उपलब्धियों पर
टेस्ट क्रिकेट में 100 छक्के जड़ने का रिकॉर्ड
ऑस्ट्रेलिया का यह धाकड़ बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में सौ छक्के जड़ने वाला पहला बल्लेबाज था, 2007 में उन्होंने यह कारनामा श्रीलंका के खिलाफ किया था, उन्होंने श्रीलंका के पूर्व महान गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन की गेंद पर छक्का जड़ टेस्ट क्रिकेट में 100 छक्के जड़ने का कारनामा किया था, अभी फिलहाल न्यूजीलैंड के ब्रैंडन मैकुलम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा छक्के (107) लगाने वाले बल्लेबाज हैं।
क्रिकेट जगत में गिलक्रिस्ट को माना जाता है सबसे ईमानदार क्रिकेटर
साल 2003 के विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले में श्रीलंकाई गेंदबाजों ने गिलक्रिस्ट के खिलाफ जोरदार अपील की थी लेकिन अंपायर ने गिलक्रिस्ट को नॉट आउट करार दे दिया, इसके बावजूद गिलक्रिस्ट पवेलियन की तरफ लौट गए।
विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट के करियर में ऐसी घटना कुल 12 बार हुई है, मतलब अपने करियर में 12 बार खुद आउट मांग कर पवेलियन गए थे, गिलक्रिस्ट की इस ईमानदारी ने सबको उनका मुरीद बना दिया था, उनकी यही बात दर्शाती है कि वह कितने ईमानदार खिलाड़ी थे।
ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट क्रिकेट में अपना डेब्यू किया था।
इयान हीली जैसे दिग्गज विकेटकीपर के रहने के कारण गिलक्रिस्ट को ऑस्ट्रेलियाई टीम में जगह के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा, उन्होंने 25 साल की उम्र 1996 में वनडे क्रिकेट से अपना डेब्यू किया था, इसके बाद 1999 में उन्हें ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम की बैगी ग्रीन कैप मिली थी और इसके बाद से 2008 में संन्यास तक उन्हें ऑस्ट्रेलियाई टीम से कोई नहीं हिला सका।
गिलक्रिस्ट ने विकेटकीपर-बल्लेबाज की परिभाषा को पूरी तरह से बदल दिया, वह तूफानी बल्लेबाजी करने के साथ ही मैच जिताऊ पारियां खेलने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में मशहूर हुए, जिसके बाद हर टीम ने इस रोल के लिए अच्छी बल्लेबाजी की काबिलियत वाले खिलाड़ियों को तवज्जो देना शुरू किया।
विश्व कप फाइनल के सूरमा
गिलक्रिस्ट की आक्रामक बल्लेबाजी उनकी खासियत थी, लेकिन सबसे बड़ी खासियत थी अहम मैचों में उनके बल्ले का प्रदर्शन, और विश्व कप फाइनल से बड़ा स्टेज कुछ नहीं हो सकता, गिलक्रिस्ट ने इस मौके पर अपनी काबिलियत को दिखाया, वो भी एक बार नहीं, बल्कि लगातार 3 बार, जिसके दम पर ऑस्ट्रेलिया ने 1999 से 2007 के बीच लगातार तीन विश्व कप जीते।
गिलक्रिस्ट ने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में सिर्फ 36 गेंदों में 54 रन ठोके, फिर 2003 के फाइनल में भारत के खिलाफ उनके बल्ले से सिर्फ 48 गेंदों में 57 रन निकले, उनकी सबसे बड़ी पारी 2007 के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ आई थी, जब गिलक्रिस्ट ने सिर्फ 104 गेंदों में आतिशी पारी खेलते हुए 149 रन ठोक डाले, ये विश्व कप फाइनल के इतिहास में सबसे बड़ा स्कोर है।
तूफानी शतक, छक्कों के शहंशाह
सिर्फ वनडे ही नहीं, बल्कि गिलक्रिस्ट टेस्ट में भी अपनी तूफानी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे, यहां भी उन्होंने आतिशबाजी की और सिर्फ 57 गेंदों में इंग्लैंड के खिलाफ पर्थ टेस्ट में शतक ठोक डाला, ये टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में चौथा सबसे तेज शतक है।
टेस्ट क्रिकेट में गिलक्रिस्ट की आक्रामक बल्लेबाजी का आलम ये था कि उन्होंने सिर्फ 96 टेस्ट मैच खेले और 100 छक्के ठोक डाले, वह टेस्ट क्रिकेट में 100 छक्के ठोकने वाले दनिया के पहले बल्लेबाज थे।
विकेटकीपिंग में लिखी नई इबारत
बल्लेबाजी में गिलक्रिस्ट (Adam Gilchrist) की कई उपलब्धियां रहीं, लेकिन उनका असली काम था विकेट के पीछे बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाना और यहां उनसे बेहतर कुछ ही साबित हो पाए, गिलक्रिस्ट उस दौर में विकेटकीपिंग कर रहे थे, जब उनकी टक्कर में साउथ अफ्रीका के दिग्गज विकेटकीपर मार्क बाउचर थे, दोनों के बीच सबसे ज्यादा शिकार की रेस चलती रहती थी।
गिलक्रिस्ट ने अपने टेस्ट करियर में 96 मैचों में 416 शिकार (379 कैच, 37 स्टंपिंग) किए और इस मामले में वह बाउचर (555 शिकार) से ही पीछे हैं. वहीं वनडे में भी एक वक्त तक उनके नाम ही सबसे ज्यादा 472 शिकार (417 कैच, 55 स्टंपिंग) का रिकॉर्ड था, जिसे बाद में श्रीलंकाई दिग्गज कुमार संगाकारा ने तोड़ा।
गिलक्रिस्ट का शानदार रिकॉर्ड
कुल मिलाकर अपने 12 साल लंबे करियर में गिलक्रिस्ट ने बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग में कई बार परचम लहराया और सफलता के हर संभव मकाम को हासिल किया, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 96 टेस्ट खेले और ये सभी टेस्ट उन्होंने बिना एक भी बार ड्रॉप हुए या चोट के कारण बाहर हुए बिना खेले, इन 96 टेस्ट में गिलक्रिस्ट ने 5570 रन बनाए, जिसमें 17 शतक और 26 अर्धशतक शामिल हैं और औसत 47.60 का रहा।
वनडे में गिलक्रिस्ट के बल्ले से 279 पारियों में 9619 रन निकले, जिसमें 16 शतक और 55 अर्धशतक शामिल रह, टेस्ट में गिलक्रिस्ट का स्ट्राइक रेट करीब 82 का रहा, जबकि वनडे में उन्होंने 97 के स्ट्राइक रेट से रन कूटे, वहीं 13 टी20 मैच भी गिलक्रिस्ट ने ऑस्ट्रेलिया के लिए खेले जिसमें 272 रन बनाए, जबकि 17 शिकार किए।
गिलक्रिस्ट (Adam Gilchrist) तीन वर्ल्ड कप फाइनल खेले, उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजी की और तीनों में ऑस्ट्रेलियाई टीम विजेता बनी। 1999 वर्ल्ड कप फाइनल, 2003 वर्ल्ड कप फाइनल, 2007 वर्ल्ड कप फाइनल