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वर्ल्डकप और एशिया कप जैसे क्रिकेट इतिहास के 6 ऐसे टूर्नामेंट्स जिन्हे बंद कर दिया गया!

क्रिकेट की दुनिया में वर्ल्ड कप, टी20 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंटों का बोलबाला है. लेकिन, खेल के इतिहास में कई ऐसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट भी हुए हैं, जिन्होंने अपनी अनूठी पहचान बनाई और दर्शकों को यादगार पल दिए. ये टूर्नामेंट आज भले ही नहीं खेले जाते, पर इनकी कहानियां आज भी क्रिकेट प्रेमियों के बीच जिंदा हैं. आइए, उन कुछ खास टूर्नामेंट्स की बात करते हैं जो अब अतीत का हिस्सा हैं.


1. ऑस्ट्रल-एशिया कप

यह एक ऐसा टूर्नामेंट था जिसने एशिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट की जंग को एक नया आयाम दिया. 1986 में शारजाह में शुरू हुए इस वनडे टूर्नामेंट ने जावेद मियांदाद के उस ऐतिहासिक छक्के से अपनी पहचान बनाई, जिसने भारत को आखिरी गेंद पर हराया था. इस टूर्नामेंट ने भारत, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी टीमों को एक साथ लाकर एक अलग ही तरह का रोमांच पैदा किया था. हालाँकि, 1994 के बाद इसे बंद कर दिया गया, लेकिन इसका नाम आज भी क्रिकेट के सबसे बड़े राइवलरी मैचों में से एक के लिए याद किया जाता है.


2. आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी (चैंपियंस ट्रॉफी का पुराना नाम)

यह टूर्नामेंट 1998 में ‘आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी’ के नाम से शुरू हुआ था. इसे ‘मिनी वर्ल्ड कप’ भी कहा जाता था क्योंकि इसमें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमें भाग लेती थीं. इसका सबसे रोमांचक पहलू इसका नॉकआउट फॉर्मेट था. जिसमें हारने वाली टीम तुरंत बाहर हो जाती थी. बाद में इसे ‘आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी’ का नाम दिया गया. 2017 के बाद इसे बंद कर दिया गया, लेकिन आईसीसी ने इसे 2025 में फिर से शुरू करने का फैसला किया है.


3. बेंसन एंड हेजेज वर्ल्ड सीरीज कप

यह एक बेहद लोकप्रिय त्रिकोणीय वनडे सीरीज थी जो 1979 से 1995 तक ऑस्ट्रेलिया के गर्मियों के सीजन का मुख्य हिस्सा हुआ करती थी. इसमें ऑस्ट्रेलिया के साथ दो और टीमें हिस्सा लेती थीं. यह सीरीज अपनी डे-नाइट मैचों और दूधिया रोशनी में होने वाले मुकाबलों के लिए मशहूर थी. इसने वनडे क्रिकेट को ऑस्ट्रेलिया में और भी लोकप्रिय बनाया.


4. एशियाई टेस्ट चैम्पियनशिप

यह एक साहसिक प्रयोग था. जिसमें एशिया की शीर्ष टेस्ट खेलने वाली टीमों (भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश) को एक-दूसरे के खिलाफ टेस्ट मैच खेलने का मौका दिया गया था. यह टूर्नामेंट 1999 में शुरू हुआ था, लेकिन लॉजिस्टिक्स और शेड्यूल की चुनौतियों के कारण इसे बंद कर दिया गया. यह एक ऐसा विचार था जो समय से काफी आगे था, क्योंकि आज आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के रूप में इसी तरह का टूर्नामेंट आयोजित कर रही है.


5. कॉमनवेल्थ गेम्स क्रिकेट

पुरुषों के लिए, यह टूर्नामेंट सिर्फ एक बार 1998 के राष्ट्रमंडल खेलों में खेला गया था. इसमें 50-ओवर फॉर्मेट में मैच हुए थे और दक्षिण अफ्रीका ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराया था. हालांकि, 2022 में महिलाओं के क्रिकेट को राष्ट्रमंडल खेलों में फिर से शामिल किया गया, जिसने क्रिकेट के इस फॉर्मेट को एक बार फिर से जीवित किया.


6. शारजाह कप

1980 और 90 के दशक में शारजाह क्रिकेट का एक प्रमुख केंद्र था. यहाँ भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और अन्य टीमों के बीच कई वनडे सीरीज खेली जाती थीं. इन्हें अक्सर शारजाह कप, कोका-कोला कप आदि के नाम से जाना जाता था. यहाँ की पिचें और उत्साही भारतीय व पाकिस्तानी फैंस का समर्थन, हर मैच को एक रोमांचक मुकाबला बना देता था.


ये सभी टूर्नामेंट भले ही आज इतिहास बन चुके हों, लेकिन इन्होंने क्रिकेट के खेल को आकार दिया और कई खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई. ये सिर्फ खेल नहीं थे, बल्कि वे मंच थे जहां महान खिलाड़ियों ने अपनी कहानियाँ लिखीं और क्रिकेट को और भी यादगार बनाया

Fahad Hayat

Fahad Hayat is a Editor at The Focus live. He likes to write on Sports and Politics. 6 Year Experience in Print & Digital Media.