नो हैंडशेक विवादः क्या टीम इंडिया पर लगेगा जुर्माना?, क्या कहता है आईसीसी का नियम
दुबई में हुए एशिया कप के महामुकाबले में भारत और पाकिस्तान के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिला. इस मैच में भारतीय टीम ने 7 विकेट से जीत हासिल की. हालांकि, मैच खत्म होते ही एक विवाद शुरू हो गया. दरअसल, भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने जब विजयी छक्का लगाया तो इसके बाद बिना किसी से हाथ मिलाए सीधे पवेलियन की ओर चले गए. उनकी पूरी टीम ने भी यही किया. इस तरह मैच के बाद दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच होने वाली पारंपरिक हैंडशेक की रस्म नहीं निभाई गई.
पीसीबी ने की शिकायत
भारतीय टीम के इस कदम से पाकिस्तान के खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ हैरान रह गए. उन्होंने काफी देर तक मैदान पर भारतीय टीम के आने का इंतजार किया, लेकिन कोई नहीं आया. इस घटना से पाकिस्तानी खेमे में काफी निराशा और गुस्सा था. टीम मैनेजर नवीद अख्तर चीमा ने इस बर्ताव को ‘अनुचित’ बताते हुए आईसीसी में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट पर भी नाराजगी जताई, क्योंकि टॉस के दौरान भी दोनों कप्तानों ने हैंडशेक नहीं किया था.
भारतीय कप्तान ने क्या कहा?
मैच के बाद, भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने इस घटना पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि उनकी टीम सिर्फ क्रिकेट खेलने आई थी और उन्होंने अपने प्रदर्शन से पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया. सूर्या ने कहा कि-
”खेल से ऊपर कुछ ऐसी भावनाएं होती हैं, जिनका सम्मान करना जरूरी है. उन्होंने अपनी टीम की जीत पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के परिवार और भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित की. उन्होंने स्पष्ट किया कि टीम जीत को इन शहीदों के सम्मान में देखती है”.
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हैंडशेक को लेकर आईसीसी का नियम
आईसीसी की नियमों की किताब में मैच के बाद हैंडशेक करना अनिवार्य नहीं है. यह सिर्फ खेल भावना का एक हिस्सा है. हालांकि, अगर कोई जानबूझकर ऐसा करता है तो इसे खेल की प्रतिष्ठा के खिलाफ माना जा सकता है. आईसीसी की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.1.8 के अनुसार, ऐसा व्यवहार होने पर लेवल-1 या लेवल-2 की कार्रवाई हो सकती है. इसमें चेतावनी, जुर्माना या कुछ मैचों का बैन भी शामिल हो सकता है. हालांकि, चूंकि हैंडशेक अनिवार्य नहीं है, इसलिए भारतीय टीम पर कोई बड़ी कार्रवाई होने की संभावना कम है.