Home SPORTS CRICKET पाक क्रिकेटर्स ने ऐसे मनाया ईद का जश्न, किसी ने अरब तो किसी ने दूसरे मुल्क में मनाई ईद, देखें VIDEO

पाक क्रिकेटर्स ने ऐसे मनाया ईद का जश्न, किसी ने अरब तो किसी ने दूसरे मुल्क में मनाई ईद, देखें VIDEO

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पाक क्रिकेटर्स ने ऐसे मनाया ईद का जश्न, किसी ने अरब तो किसी ने दूसरे मुल्क में मनाई ईद, देखें VIDEO

दुनिया भर में ईद उल अजहा का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. बकरीद (Eid al Adha 2022, ईद-उल-अजहा) का त्योहार हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है. बकरीद (ईद-उल-अजहा) का त्यौहार रमजान का महीने खत्म होने के 70 दिनों के बाद मनाया जाता है.

क्रिकेट जगत के खिलाड़ी भी ईद के जश्न में डूबे हैं. कई देशों के क्रिकेट खिलाड़ी ईद (Eid al Adha 2022, ईद-उल-अजहा) का त्यौहार हर्षोउल्लास के साथ मना रहे हैं. वहीं अपने फैन्स को ईद (Eid al Adha 2022, ईद-उल-अजहा) की बधाई भी दे रहे हैं. टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेट युवराज सिंह ने देश को ईद की बंधाई दी.

बकरीद का पर्व भारतीय खिलाड़ी उमरान मलिक (Umran Malik) , मोहम्मद सिराज और आवेश खान ने भी मनाया है. बता दें कि इस समय ये तीनों खिलाड़ी इंग्लैंड में हैं. ऐसे में सभी ने मिलकर इंग्लैंड में ईद-उल-अजहा(Eid al Adha 2022, ईद-उल-अजहा) के मौके पर ईद की नमाज अदा की.

तीनों ने अपने सोशल मीडिया पर अकाउंट पर इसकी तस्वीर शेयर की है. उमरान मलिक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर अपने फैन्स को ईद की शुभकामनाएं दी है. उमरान ने तीनों खिलाड़ियों के साथ अपनी तस्वीर शेयर की और सभी को शुभकामनाएं दी है.

सिराज ने भी ईद (Eid al Adha 2022, ईद-उल-अजहा) की बधाई दी. वहीं पाक क्रिकेटर्स ने भी ईद (Eid al Adha 2022, ईद-उल-अजहा) की बधाई दी. शोएब मलिक, कामरान अकमल, अजहर महमूद, आबिद अली, इमाम उल हक़ और अन्य कई क्रिकेटर्स ने ईद की मुबारकबाद पेश की.

मोहम्मद सिराज ने पोस्ट करते हुए लिखा,  ‘ईद-अल-अजहा मुबारक परिवार जैसे दोस्तों के साथ मनाया’. बता दें बकरीद के त्योहार को बकरीद, ईद कुर्बान, ईद-उल अजहा या कुर्बान बयारामी भी कहा जाता है. इस दिन नमाज पढ़ने के बाद कुर्बानी दी जाती है.

ईद उल-अजहा खुशी और शांति का अवसर है, जो लोग अपने परिवारों के साथ मनाते हैं. इस दौरान वे पुरानी शिकायतों को दूर करते हैं और एक दूसरे के साथ बेहतर संबंध बनाते हैं. यह पैगंबर अब्राहम की ईश्वर के लिए सब कुछ बलिदान करने की इच्छा के स्मरणोत्सव के रूप में मनाया जाता है.

इस पर्व का इतिहास 4,000 साल पहले का है जब अल्लाह पैगंबर अब्राहम के सपने में प्रकट हुए थे और उनसे उनकी सबसे ज्यादा प्यारी वस्तु का बलिदान देने के लिए कह रहे थे. इस पर हजरत इब्राहिम अपने बेटे की कुर्बानी देने के लिए तैयार हो जाते हैं.

हजरत इब्राहिम अपने बेटे इस्माइल की बलि देने वाले थे कि तभी एक फरिश्ता प्रकट हुआ और उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. उन्हें बताया गया था कि अल्लाह उनके प्रति उनके प्रेम के प्रति आश्वस्त हैं.

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