Home ENTERTAINMENT पुरुष अपने काम से रखें मतलब, महिलाओं के कपड़ों में ना लें दिलचस्पी: हुमा कुरैशी

पुरुष अपने काम से रखें मतलब, महिलाओं के कपड़ों में ना लें दिलचस्पी: हुमा कुरैशी

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पुरुष अपने काम से रखें मतलब, महिलाओं के कपड़ों में ना लें दिलचस्पी: हुमा कुरैशी

हुमा कुरैशी इन दिनों अपनी तमिल फिल्म ‘वालिमई’ को लेकर लगातार सुर्खियों में हैं. पहले भी हुमा कुरैशी ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से लेकर ‘महारानी’ और ‘लीला’ जैसी वेब सीरिज में दमदार एक्टिंग की वजह से सुर्खियों में रही हैं.

ई टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में हुमा कुरैशी ने अपनी फिल्म ‘वालिमई’ को लेकर अनुभवों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि वो बहुत खुश हैं कि उनकी फिल्म ‘वालिमई’ को दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है. अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आने के बाद फिल्म और भी लोगों तक पहुंचेगी.

इस फिल्म का हिस्सा बनने को लेकर हुमा कुरैशी मेरे लिए यह फिल्म बहुत बड़ा अवसर था. मुझे हमेशा से एक्शन फिल्में पसंद रही हैं. मैं सिर्फ फिल्म का हिस्सा नहीं हूं बल्कि फिल्म का प्लॉट मेरा कैरेक्टर प्लॉट को आगे लेकर जाता है. मैं फिल्म में कुछ जोड़ पा रही थी इसलिए यह फिल्म मेरे काफी महत्वपूर्ण भी थी.

इस फिल्म के एक्टर फिल्म को शूट करने के दौरान कई बार चोटिल हुए थे ऐसे में हुमा कुरैशी को डर लगा या नहीं. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अजीत सर को कई बार शूटिंग के दौरान चोट पहुंची लेकिन इस बात का हमेशा हम ध्यान रखते थे कि सबकी सुरक्षा पर ध्यान दिया जाए चाहे वो एक्टर हो, स्टंट मैन हो या पूरी टीम हो. कई बार इंजरी हो जाती है लेकिन ये कभी भी और कहीं भी हो सकती है. इस फिल्म की शूटिंग के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर पूरी सावधानी बरती गई थी.

साउथ के सुपरस्टार अजीत के साथ काम करने के अनुभव पर हुमा कुरैशी ने कहा कि वो एक शानदार सुपरस्टार हैं. मैं तमिल समझ सकती हूं लेकिन बोल नहीं सकती हूं, ऐसे में अपने डायलॉग को जोड़ कर बोलना पड़ता था. ऐसे में अगर आपका को-स्टार हेल्पिंग ना हो तो पूरी प्रक्रिया काफी मुश्किलों भरी हो जाती है. मैं हमेशा उन्हें सॉरी कहती थी और वो माफी मत मांगो कहते थे. वो काफी विनम्र और प्यारे इंसान हैं.

बॉलीवुड में पे डिस्पेरिटी यानि वेतन में असामनता को लेकर हुमा कुरैशी ने कहा महिलाओं को अक्सर क्रेडिट नहीं दिया जाता है. पूरी दुनिया ही पुरुष प्रधान है और ये गलत है. पेपर पर हमें सामान अधिकार हैं लेकिन असल में नहीं है. हम इसे ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं. क्या हम कभी सौ फीसदी समान पेमेंट पाएंगे? मुझे नहीं लगता. लेकिन हमारा उद्देश्य है कि हम सवाल करते हैं और इस दिशा में काम करते हैं और देखें कि हम किस तरह की दुनिया की ओर जा रहे हैं.

2022 में महिलाओं को ऑब्जेक्टिफाई किए जाने पर हुमा कुरैशी ने कहा कि ये बिल्कुल सच है. पुरुषों को अपने काम से मतलब रखना चाहिए. उन्हें महिलाओं के कपड़े, उनकी शरीर की बनावट से दूर रखना चाहिए. महिलाओं को फैसला करना चाहिए वो क्या पहनने में कंफर्टेबल हैं और पुरुषों को बीच में नहीं पड़ना चाहिए. मुझे लगता है कि महिलाओं को वस्तु की तरह समझना बंद करना चाहिए . जहां हम पुरुषों के लिए कपड़े पहन रहे हैं. हम खुद के लिए अच्छे कपड़े पहनते हैं, हमें खुशी महसूस होनी चाहिए.

वहीं, अपने भाई शकिब सलीम की सफलता पर उन्होंने कहा कि वो मेरा छोटा भाई है. उसे एक्टिंग करते देख मैं इमोशनल हो जाती हैं. मैं उसे लेकर बेहद प्रोटेक्टिव हूं. अगर हमारे बीच लड़ाई भी होती है तो मैं कहती हैं चलो छोड़ो, जाने. लेकिन अगर कोई और करे तो मुझपर असर होता है. हम उस पर बहुत गर्व करते हैं खासकर जब वो क्रिकेटर का किरदार निभाता है. वो हमेशा से टीम इंडिया के लिए खेलना चाहते थे. वो बचपन में घंटो प्रैक्टिस करता था. हमें लगता था वो एक दिन इंडिया की जर्सी पहनेगा लेकिन लाइफ के प्लान अलग होते हैं. खासकर ’83’ हमारे लिए काफी इमोशनल फिल्म थी.

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